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भारत ने पकिस्तान सेमत चीन, टर्की और अमेरिका की तकनीक को धूल चटाई

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-ललित मिश्र- नोएडा। चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, चौथी सबसे शक्तिशाली सेना बल्कि तीसरी कहना ही ठीक है, इस सरकार से मजबूत केबिनेट किसी और देश की दिखती भी नहीं, प्रधानमंत्री की अप्रूवल रेटिंग 80 प्रतिशत छूने को बेताब है। लेकिन मुद्दा है हमारा साथ देने कौन आया, मतलब चमगादड़ को महल मे ले जाओ, तो भी वो उल्टा ही लटकेगा। वैसे तो ऑपरेशन सिंदूर से पहले ही संयुक्त राष्ट्र में एक वोटिंग हुई थी जिसमे अमेरिका, रूस और फ्रांस ने भारत के लिये वोट किया और ब्रिटेन तथा चीन न्यूट्रल रहे। भारत की विदेश नीति मे कोई संशय नहीं लेकिन प्रश्न है कि 2025 मे हम ऐसी अजीब बाते क्यों कर रहे है? 1971 मे हमारे हालात अलग थे तब जरूरत थी कि दुनिया फॉर्मेलिटी मंे ही सही मगर हमारे पक्ष मे बोले, लेकिन आज क्या आवश्यकता है? भारत ने अकेले एक साथ चीन, टर्की और अमेरिका की तकनीक को धूल चटाई है बिना किसी बाहरी मदद के। लेकिन पाकिस्तानियों से लड़ लड़कर माइंडसेट ही वही हो गया, वो चीन लेकर आया तो हम अमेरिका लाएंगे। जो विदेशी सहायता पर निर्भर है वह कमजोर वही बचकानी बात, शिक्षा की कमी नहीं है मगर जब बात समसामयिकी पर आती है तो हम लगभग पाकिस्ता...

जन्म से अंधे संत ने हनुमान चालीसा पर खोली सनातनियों की आंखें/https://www.vishwaguru.page





गलत चौपाई गाते चले आ रहे हैं तमाम श्रद्धालु, चार अशुद्धियों को किया ठीक

-ललित मिश्र-

नोएडा। जन्म से नेत्रहीन महान विद्वान संत शिरोमणि जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने बहुत बड़ा खुलासा करते हुए वर्षों से हनुमान चालीसा का गलत पाठ कर रहे श्रद्धालुओं की आंखें खोल कर रख दी है। उन्होंने अशुद्ध चार चौपाइयों का वर्णन करते हुए उनको शुद्ध करने के लिए तमाम श्रद्धालुओं से आग्रह किया है।

स्वामी जी ने बताया कि अधिकांश लोग हनुमान चालीसा की छठी लाइन में शंकर सुवन केसरी नंदन बढ़ते चले आ रहे हैं जबकि सही लाइन शंकर स्वयं केसरी नंदन है। 27वीं चौपाई पर बोलते हुए उन्होंने कहा सब पर राम तपस्वी राजा, यह लाइन भी अशुद्ध छपी है। सही लाइन का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि सब पर राम राय सिर ताजा पढ़ना चाहिए। 32वीं चौपाई का उल्लेख करते हुए महाराजश्री ने बताया कि राम रसायन तुम्हारे पासा सदा रहो रघुपति के दासा, इस लाइन का भी उच्चारण गलत तरह से किया जा रहा है, उन्होंने शुद्ध करते हुए बताया कि राम रसायन तुम्हारे पासा सादर हो रघुपति के दासा पढ़ना चाहिए। 38वीं चौपाई को शुद्ध करते हुए उन्होंने बताया कि अधिकांश लोग जो सत बार पाठ कर कोई छूटहिं बंदि महासुख होई पढ़ते चले आ रहे हैं, जबकि यह सत पाठ कर जोई छूटहिं बंदि महासुख होई पढ़ा जाना चाहिए।

तमाम छपी हनुमान चालीसा में यह गलतियां वर्षों से चली आ रही है। जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने इन विसंगतियों को दूर करने की अपील करते हुए हनुमान चालीसा को शुद्ध करने का आग्रह किया है। उनका यह भी कहना कि नित्य हनुमान चालीसा का पाठ करने से रोग से छुटकारा मिल जाता है और भाव पूर्ण पाठ करने से खुशहाली भी आती है।


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