इस आपातकाल ने इतना तोड़ा आज तक खड़ा न हो सका

VISHWA GURU
सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं-ललित मिश्र-
नई दिल्ली। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड की अनिवार्यता को कई संस्थाओं से खत्म करने का फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आधार कार्ड की धार को अब काम कर दिया गया है। स्कूल, बैंक, मोबाइल कंपनियां, एवं निजी कंपनियां भी आधार कार्ड की बाध्यता को नहीं थोप सकेंगी।
सरकार ने आधार कार्ड को बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज बनाकर रख दिया था। माना यह एक उपयोगी दस्तावेज सिद्ध हो सकता है। किंतु इस दस्तावेज की उपयोगिता को बरकरार रखना एक कठिन कार्य था। आधार कार्ड करेक्शन अथवा बनवाना आज भी एक कठिन कार्य है। जहां आम व्यक्ति के लिए बहुत समय खापाना पड़ता है वहीं भारी- भरकम भुगतान भी करना पड़ जाता है। इसके बावजूद भी तमाम दस्तावेज उपलब्ध कराने के बाद आधार कार्ड के निर्माता गलतियां कर देते हैं उन्हें ठीक करना इससे भी बड़ा काम हो जाता है। अधिकतर संस्थानों में इसकी अनिवार्यता उत्पन्न हो गई थी। यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा कई वर्षों की सुनवाई के बाद स्कूलों में मोबाइल कंपनियां, बैंक एवं निजी कंपनियों में इसकी अनिवार्यता को सुप्रीम कोर्ट ने खत्म करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि 6 से 14 वर्ष वाले छात्र आधार कार्ड के अभाव में सर्व शिक्षा अभियान का लाभ नहीं ले पा रहे थे। मोबाइल को आधार से लिंक करना असवैधानिक है। वही बैंक खातों को आधार से लिंक करने की अनिवार्यता को भी सुप्रीम कोर्ट में खारिज कर दिया है। सीबीएसई, नीट, यूजीसी में यह जरूरी दस्तावेज नहीं माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद इसका लाभ सीधा आमजन के लिए मिलेगा।
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