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कुणाल शर्मा हत्याकांड के बाद फिर शर्मसार हुई योगी सरकार

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ललित मिश्र नोएडा। कुणाल शर्मा के अपहरण एवं हत्याकांड के बाद एक बार फिर नोएडा पुलिस सुर्खियों में आ गई है। पुलिस हिरासत में हुई योगेश की मौत से योगी सरकार को शर्मसार होना पड़ेगा। गत सप्ताह ग्रेटर नोएडा के कुणाल शर्मा का अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। अपहर्ताओं को पकड़वाने के लिए परिवार के लोगों ने तमाम सबूत मौजूद काराए लेकिन पुलिस ने किसी ठोस कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया। निवर्तमान सांसद डॉ महेश शर्मा के हस्तक्षेप से इस मामले का पर्दाफाश किया गया। वहीं विसरख क्षेत्र के चिपियाना पुलिस ने आज एक नई करतूत को अंजाम दे दिया है। इस घटना से क्षेत्र के जनप्रतिनिधि समेत उत्तर प्रदेश सरकार शर्मसार हो गई है। इस मामले में चिपियाना पुलिस चैकी के सभी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि इस मामले में विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक योगेश ने आत्महत्या की है। मृतक योगेश के भाई जितेंद्र ने आरोप लगाया है कि चिपियाना पुलिस ने योगेश को छोड़ने के एवज में 5 लाख रुपए की डिमांड की थी, 50 हजार रुपए और शराब के लिए अलग से एक हज

मेट्रो हॉस्पिटल्स ने हाइपरटेंशन के प्रभाव के बारे में लोगों को किया जागरूक

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By Lalit Mishra नोएडा। हाइपरटेंशन भारतीय युवाओं में सबसे आम बीमारियों में से एक है और पिछले 10-15 वर्षों में यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है. जिससे स्ट्रोक, हृदय रोग और किडनी संबंधी बीमारियों का खतरा पैदा हो रहा है. वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे का उद्देश्य उच्च रक्तचाप के बारे में सार्वजनिक जागरूकता को बढ़ावा देना और सभी देशों के लोगों को इस खतरनाक रोग को रोकने और नियंत्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना है. हालांकि हाइपरटेंशन को रोका जा सकता है, फिर भी इससे स्ट्रोक और हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है. इससे जुड़ी अन्य जटिलताएं उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, हृदय विफलता, महाधमनी का विच्छेदन और रेटिना क्षति भी है। हो सकता है विनाशकारी प्रभाव मेट्रो ग्रुप अॉफ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन डॉ. पुरूषोत्तम लाल ने कहा कि उच्च रक्तचाप शायद ही कभी शुरुआती चरणों में लक्षण पैदा करता है और अधिकांश लोगों में इसका निदान नहीं हो पाता है और इस प्रकार यह हृदय स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव डाल सकता है. उच्च रक्तचाप, यदि अनियंत्रित छोड़ दिया जाए, तो ये एक साइलेंट किलर के समान है, जो धीरे-धीरे हृदय की नाजुक कार्यप्रणाली को नुकसान पहुंचा र

राहुल गांधी कहते हैं बेरोजगारों को पैसा मिलेगा, भाजपा को वोट डालकर आते हैं खटाखट खटाखट

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ललित मिश्र नोएडा। जागे हुए हिंदुस्तान में यह साफ हो गया है कि अब नेताओं को जनता के लिए बेवकूफ बनाना मुश्किल काम हो गया है। देश की जनता ने जहां भाजपा का भी हलक सुखा रखा है वही इस लोकसभा चुनाव में पूरे विपक्ष को एक साथ सदमे में डाल रखा है। राहुल गांधी बेरोजगारों को जहां नगद भुगतान की बात करते हैं उसमें देश की जनता को बेईमानी नजर आती है। देश का युवा बेरोजगार भाजपा को खटाखट खटाखट वोट डालकर आ जाता है।  पूरे विपक्ष ने देश के आमजन के बीच अपना विश्वास खो दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के आगे गारंटी देते घूम रहे हैं किसी की आठ गारंटी किसी की नो गारंटी किसी की 12 गारंटी। मोदी की गारंटी के आगे उनकी गारंटी झूठी नजर आ रही है। रहा सवाल भाजपा के हिंदू मुसलमान करने का तो यहां मेरा मानना है कि भाजपा सिर्फ हिंदू हिंदू करती है और पूरा विपक्ष मुसलमान मुसलमान कर रहा है। विपक्ष की स्वार्थ वाली तानाशाही पूरे देश ने देखी है। यहां यह जानना जरूरी है कि अब तक देश में ट्रैफिक नियमों के नाम पर खुली उगाही होती थी जिस पर भारी अंकुश लगा है। पूरे देश में सुरक्षा के कड़े प्रबंध नजर आते हैं। देश की बहन बेट

चुनाव परिणाम देखकर हैरान रह जाएगा विपक्ष

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ललित मिश्र नोएडा। पूरे देश को बेवड़ा सा दिखने वाला विपक्ष 4 जून को परिणाम आने पर हैरान हो सकता है। यही नहीं वोटिंग प्रतिशत का काम होना भी विपक्ष के लिए नागवार गुजरेगा। देश में पहली बार अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भाजपा के पक्ष में सर्वाधिक मतदान करने को आतुर बने हुए हैं। भाजपा को ऐसे मतदाताओं का सम्मान करते हुए साधे हुए शब्दों में बयानबाजी करने की जरूरत है।  लोकसभा चुनाव को लेकर तीन चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है। हुए मतदान को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के हौसले बुलंद है। कुछ लोकसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों का हलक सूख रहा है। वोट प्रतिशत का कम होना सत्तारुढ़ एवं विपक्ष के लिए हानिकारक सिद्ध होगा। हमारे द्वारा किए जा रहे व्यक्तिगत सर्वे में पता चला है कि वोट प्रतिशत का कम होने का सबसे बड़ा कारण मतदाताओं की उदासी और परेशानी है। इन मतदाताओं का मानना है कि कांग्रेस को हम वोट देंगे नहीं और भाजपा को भी देना नहीं चाहते हैं क्योंकि इसने उनके सामने परेशानी खड़ी कर दी है। दूसरा कारण मतदाता सूची में विसंगतियों का होना भी कहा जा रहा है। देश की मतदाता सूचियों में 20 प्रतिशत तक की विसंगतियां है ज

हाई स्कूल एवं इंटर का आया परीक्षा परिणाम, बच्चों ने बनाया जश्न

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’ललित मिश्र- नोएडा। सीबीएसई ने आज हाई स्कूल एवं इंटर मीडिएट के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए हैं। सभी बच्चों ने अपने परीक्षा परिणाम का इंटरनेट पर अवलोकन किया है। इंटरमीडिएट का परिणाम 88 प्रतिशत के करीब रहा है।  एनसीआर क्षेत्र में अधिकांश तौर पर सीबीएसई बोर्ड का ही पाठ्यक्रम लागू है। छात्रों के परिजन भी पिछले कई दिनों से परीक्षा का परिणाम को जानने के लिये उत्सुक थे। सोमवार दोपहर को बोर्ड ने परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए हैं और जिसमें अधिकांश बच्चे पास हो चुके हैं। आए परीक्षा परिणाम में महज 12ः बच्चों को ही मायूसी हाथ लगी है। लड़कों की तुलना में लड़कियों ने इस बार भी बाजी मार ली है। परीक्षा में पास हुए छात्रों ने खुशी मनाते हुए एक दूसरे छात्रों को पार्टी दी है और यह सिलसिला लगातार जारी है। वहीं परिजनों में भी खुशी का माहौल बना हुआ है।

नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को धूर्त न कहे तो क्या माना जाए

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  -ललित मिश्र- नोएडा। शहर के जिला अस्पताल की आपात चिकित्सा व्यवस्था जब आफत बन जाए तो नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की मानसिकता पर हैरानी होती है। मरीज अस्पताल के सामने होगा किंतु उसमें प्रवेश नहीं कर सकेगा। प्राधिकरण के एसे अधिकारियों को धूर्त न बोलें तो क्या कहा जएगा। जिला अस्पताल की इमारत के नाम पर घोटाला अवश्य हुआ होगा। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का इस आमजान की असुविधा से कोई लेना देना नहीं है। क्षेत्र के लोग केंद्र की मोदी सरकार को वोट अवश्य देते हैं लेकिन क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से खासा नाराज बने हुए हैं।  गौरतलब है कि नोएडा प्राधिकरण में अधिकांश पुराने अधिकारी सेवा निवृत हो चुके हैं। नोएडा प्राधिकरण में पूर्वी उत्तर प्रदेश से आए हुए अधिकारियोंं की संख्या ज्यदा हैं। नए तैनात हुए अधिकारी खटारा स्कूटर पर आए थे आज उन पर लग्जरी कारें मौजूद हैं। बदहाली में आए इन अधिकारियों की शान बताती है कि यह घोटाले व घपले के धन से मालामाल हुए हैं। जिला अस्पताल में आपात चिकित्सा व्यवस्था है लेकिन इस आपात चिकित्सा को हासिल करने के लिए मरीज को बहुत देर तक भटकना पड़ता है। जिला अस्पताल का मार्ग सुगम एवं स

अक्षय तृतीया पर केजरीवाल की रिहाई का मतलब जेल योग खत्म

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  -ललित मिश्र- नई दिल्ली। शुक्रवार को अक्षय तृतीया के मौके पर शुभ कार्य करने की पुरानी परंपरा है। इस मौके पर देशवासियों ने 22 टन पूरे देश में सोना खरीदा है और शादियों के लिये भी शुभ महूर्त होता है, देश में सर्वाधिक शादी भी इसी दिन होती है। वही वेद पुराणों के ज्ञाता एवं पंडितों के अनुसार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रिहाई होना यह दर्शाता है कि अब उनका जेल योग खत्म हो जाएगा। देश की मीडिया के कैमरे भी अब सीएम केजरीवाल की ओर अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए मुड़ जाएंगे। जिसका पूरा लाभ पूरे विपक्ष को मिलना तय माना जा रहा है।  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिहाई दोनों ही नाटकीय अंदाज में हुई है। जेल से बाहर आने के बाद श्री केजरीवाल पूरे देश की जनता की सहानभूति बटोरने में कितने कामयाब होंगे यह तो 4 जून को ही पता चलेगा। केजरीवाल की रिहाई से भाजपा का नुकसान होना तय माना जा रहा है। जेल से रिहा होने के बाद शनिवार को अरविंद केजरीवाल सबसे पहले दिल्ली कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर पहुंचे और पूजा की। इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए एक सभा को भी संबोधित किया। इस मौके पर उन्ह

अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक मिली जमानत

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  ललित मिश्र नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के मध्ये नजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त अंतिम जमारत मिल गई है। अदालत में ईडी से जवाब तलब किया गया था, ईडी की दलीलों से अदालत सहमत नहीं हुई और 1 जून तक के लिए जमानत दे दी गई है। आम आदमी पार्टी कार्यालय में जश्न का माहौल बना हुआ है। हम आपको बता दें कि पिछले करीब डेढ़ माह से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले को लेकर दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। सीएम केजरीवाल ने अपनी जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी, अदालत ने यह स्वीकार किया है कि लोकसभा चुनाव में राजनीतिक व्यक्ति की आवश्यकता महसूस होती है इस दृष्टिकोण से जमानत देना भी जरूरी हो जाता है। इस पूरे मामले में ईडी को भी अपना पक्ष रखने के लिए अदालत ने समय दिया। अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं जांच एजेंसियों ने केजरीवाल के खिलाफ आतंकी संगठनों से भी तार जोड़ने के दावा किया हैं। वहीं अन्य मामलों में सीबीआई भी अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए उन्हें हिरासत में ले सकती है। लिखित आदेश आने के बाद देऱ शाम तक अरविंद केजरीवाल को

टाइम ट्रैवल, वेद-पुराण एवं योग साधना के सिद्धांत पर दुनिया की सबसे बड़ी रिसर्च बागेश्वर धाम में

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-ललित मिश्र- नोएडा। हमारे पूर्वजों, वेद-पुराणों, योग एवं वैज्ञानिकों के सिद्धांत पर पूरी दुनिया में तरह-तरह की रिसर्च होती रही है। इससे प्राप्त परिणामों को हम पराविज्ञान की संज्ञा देते है। अमेरिका ने भी इन सिद्धांतों को गंभीरता से लेते हुए तमाम तरह के परीक्षण किए हैं। अमेरिका के पास इन सब सिद्धांतों के आधार पर तमाम तरह के प्रमाण मौजूद हैं। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी इस तरह के प्रयोग करने के लिए भारत में अग्रिम भूमिका निभा रहे हैं। वेद-पुराण, योग, हवन-यज्ञ, उपासना एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण के सिद्धांत पर वह 17 मई से तीन दिवसिय एक विशेष एवं महत्वपूर्ण प्रयोग को सिद्ध करने जा रहे हैं। ऊर्जा संचय समागम के नाम पर यह कार्यक्रम टाइम ट्रैवल, योग, उपासना, साधना के सिद्धांत पर तीन दिन तक बागेश्वर धाम में चलेगा। इस समारोह में महज 100 व्यक्ति ही हिस्सा ले सकेंगे।  गौरतलब है कि अब से करीब 100 वर्ष पहले अमेरिका ने अपने वैज्ञानिकों के माध्यम से टाइम ट्रैवल के सिद्धांत पर एक शोध अपने सैनिकों पर किया था। इस शोध के आधार पर उनके सैनिक तीन दिन में 100 वर्ष आगे की बुद्धिमत्ता पर पह

अरविंद केजरीवाल को सशर्त मिल सकती है जमानत

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  ललित मिश्र नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के मध्ये नजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त अंतरिम जमानत मिल सकती है। अदालत में ईडी से जवाब तलब किया है।  हम आपको बता दें कि पिछले करीब डेढ़ माह से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले को लेकर दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। सीएम केजरीवाल ने अपनी जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है, जिस पर बहस का सिलसिला जारी है। अदालत ने यह स्वीकार किया है कि लोकसभा चुनाव में राजनीतिक व्यक्ति की आवश्यकता महसूस होती है इस दृष्टिकोण से जमानत देना भी जरूरी हो जाता है। अरविंद केजरीवाल एक असाधारण एवं जनता के चुने हुए नेता है। इस पूरे मामले में ईडी को भी अपना पक्ष रखने के लिए अदालत ने समय दिया है। अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं जांच एजेंसियों ने केजरीवाल के खिलाफ आतंकी संगठनों से भी तार जोड़ने के संकेत दिए हैं। अब देखना है कि तमाम दलीलों के बाद क्या केजरीवाल को जमानत मिलती है या नहीं!